स्ट्रीट वेंडर्स के लिए सरकार की नई योजना: PM Svanidhi Yojana

PM Svanidhi Yojana

भारत में सड़क किनारे सामान बेचने वाले स्ट्रीट वेंडर्स हमारे शहरी जीवन का अहम हिस्सा हैं। ये वेंडर्स फल, सब्जियां, चाय, पकौड़े, कपड़े, किताबें, जूते, आदि बेचते हैं। इसके अलावा, ये नाई की दुकान, मोची, धोबी आदि जैसी सेवाएं भी देते हैं। COVID-19 महामारी और लॉकडाउन की वजह से इन वेंडर्स का व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इनके पास कम पूंजी होती है, जो लॉकडाउन के दौरान खर्च हो चुकी होगी। ऐसे में इन्हें दोबारा व्यापार शुरू करने के लिए कामकाजी पूंजी की सख्त जरूरत है।

इसी को ध्यान में रखते हुए, केंद्र सरकार ने एक नई योजना शुरू की है जो पूरी तरह से आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित है। इस योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स को कामकाजी पूंजी का लोन दिया जाएगा। योजना के प्रमुख उद्देश्यों में ₹10,000 तक का लोन देना, समय पर भुगतान करने पर प्रोत्साहन देना और डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना शामिल है। इससे स्ट्रीट वेंडर्स को औपचारिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनने का मौका मिलेगा और उनके लिए नए अवसर खुलेंगे।

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कौन-कौन से राज्य और वेंडर्स इस योजना के लिए पात्र हैं?

यह योजना केवल उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वेंडर्स के लिए उपलब्ध है, जिन्होंने स्ट्रीट वेंडर्स (जीविका सुरक्षा और विनियमन) अधिनियम 2014 के तहत नियम और योजना को अधिसूचित किया है। इसके अलावा मेघालय के वेंडर्स भी, जिनके लिए राज्य का अलग स्ट्रीट वेंडर्स अधिनियम है, इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

कौन कर सकता है आवेदन?

शहरी इलाकों में अपना व्यवसाय करने वाले सभी स्ट्रीट वेंडर्स इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। पात्रता की शर्तों में वेंडर्स के पास नगर निकाय द्वारा जारी पहचान पत्र या वेंडिंग प्रमाण पत्र होना चाहिए। जिन वेंडर्स की पहचान हो गई है लेकिन उन्हें वेंडिंग सर्टिफिकेट नहीं मिला है, उन्हें भी प्रोविजनल सर्टिफिकेट दिया जाएगा।

अगर किसी वेंडर का सर्वे नहीं हुआ है या उसने सर्वे के बाद अपना व्यवसाय शुरू किया है, तो नगर निकाय या टाउन वेंडिंग कमेटी से सिफारिश पत्र मिलने के बाद भी वह इस योजना का लाभ उठा सकता है। इसके अलावा, जो वेंडर्स ग्रामीण या परिधीय क्षेत्रों से आकर शहरी इलाकों में व्यापार करते हैं, वे भी सिफारिश पत्र के आधार पर आवेदन कर सकते हैं।

वेंडर्स जो लॉकडाउन के कारण अपने गांव लौट गए थे

COVID-19 महामारी की वजह से कुछ वेंडर्स, जो शहरी क्षेत्रों में व्यापार कर रहे थे, लॉकडाउन के दौरान अपने गांव लौट गए थे। ऐसे वेंडर्स जब वापस आकर अपना व्यवसाय फिर से शुरू करेंगे, तो वे भी इस योजना के तहत लोन के लिए पात्र होंगे।

क्या मिलेगा लोन और कैसे होगी मदद?

इस योजना के तहत शहरी स्ट्रीट वेंडर्स को ₹10,000 तक का कामकाजी पूंजी लोन मिलेगा। यह लोन 1 साल की अवधि का होगा और इसे मासिक किस्तों में चुकाना होगा। लोन पर कोई भी कोलेटरल यानी जमानत नहीं ली जाएगी। अगर वेंडर्स समय पर या जल्दी लोन चुकाते हैं, तो उन्हें अगले लोन साइकिल में ज्यादा राशि मिल सकती है। और अगर वेंडर जल्दी भुगतान करना चाहते हैं, तो उन्हें कोई प्री-पेमेंट पेनाल्टी भी नहीं लगेगी।

ब्याज दर और सब्सिडी

लोन पर ब्याज दर विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है। जो वेंडर्स समय पर लोन चुकाएंगे, उन्हें 7% की ब्याज सब्सिडी दी जाएगी। यह सब्सिडी हर तिमाही में उनके खाते में जमा की जाएगी। सब्सिडी केवल उन्हीं लोन खातों पर मिलेगी जो एनपीए (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट) की श्रेणी में नहीं आते हैं। ब्याज सब्सिडी 31 मार्च 2022 तक उपलब्ध होगी।

डिजिटल लेन-देन को मिलेगा प्रोत्साहन

सरकार ने डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए इस योजना में कैशबैक सुविधा भी शामिल की है। जो वेंडर्स डिजिटल तरीके से लेन-देन करेंगे, उन्हें इसके लिए अतिरिक्त लाभ मिल सकता है।

निष्कर्ष

इस योजना का मुख्य उद्देश्य स्ट्रीट वेंडर्स की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है। अगर आप एक स्ट्रीट वेंडर हैं और आपकी आर्थिक स्थिति COVID-19 से प्रभावित हुई है, तो यह योजना आपके लिए एक सुनहरा अवसर साबित हो सकती है।

 

अधिक जानकारी के लिए आप इस वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं:

https://pmsvanidhi.mohua.gov.in/


स्ट्रीट वेंडर्स योजना से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

प्रश्न 1: स्ट्रीट वेंडर्स योजना क्या है?
उत्तर: यह केंद्र सरकार की एक योजना है जो शहरी स्ट्रीट वेंडर्स को कामकाजी पूंजी के रूप में ₹10,000 तक का लोन प्रदान करती है। इसका उद्देश्य वेंडर्स की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना और उन्हें डिजिटल लेन-देन के लिए प्रोत्साहित करना है।

प्रश्न 2: कौन-कौन से वेंडर्स इस योजना के लिए पात्र हैं?
उत्तर: शहरी क्षेत्रों में व्यापार करने वाले सभी स्ट्रीट वेंडर्स इस योजना के लिए पात्र हैं। इसमें वे वेंडर्स शामिल हैं जो नगर निकाय द्वारा पहचान किए गए हैं, जिनके पास वेंडिंग प्रमाण पत्र या पहचान पत्र है। इसके अलावा, जो वेंडर्स सर्वे में शामिल नहीं हुए थे, लेकिन अब नगर निकाय से सिफारिश पत्र प्राप्त कर चुके हैं, वे भी आवेदन कर सकते हैं।

प्रश्न 3:इस योजना के तहत कितनी राशि का लोन मिलेगा?
उत्तर: इस योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स को ₹10,000 तक का कामकाजी पूंजी लोन दिया जाएगा। यह लोन 1 साल की अवधि के लिए होगा और इसे मासिक किस्तों में चुकाना होगा।

प्रश्न 4: क्या इस लोन के लिए किसी प्रकार की जमानत देनी होगी?
उत्तर: नहीं, इस लोन के लिए किसी भी प्रकार की जमानत (कोलेटरल) की आवश्यकता नहीं होगी।

प्रश्न 5: ब्याज दर क्या होगी?
उत्तर: ब्याज दरें बैंक और वित्तीय संस्थानों के हिसाब से अलग-अलग होंगी। कुछ संस्थानों में यह उनकी मौजूदा ब्याज दरों के आधार पर होगी, जबकि कुछ संस्थानों में यह आरबीआई के दिशा-निर्देशों के अनुसार होगी।

प्रश्न 6: क्या वेंडर्स को ब्याज पर कोई सब्सिडी मिलेगी?
उत्तर:हां, समय पर लोन चुकाने वाले वेंडर्स को 7% की ब्याज सब्सिडी दी जाएगी। यह सब्सिडी उनके खाते में हर तिमाही जमा की जाएगी, और यह सब्सिडी केवल 31 मार्च 2022 तक उपलब्ध होगी।

प्रश्न 7: अगर मैंने समय से पहले लोन चुका दिया तो क्या मुझे कोई पेनल्टी लगेगी?
उत्तर: नहीं, समय से पहले लोन चुकाने पर आपको कोई प्री-पेमेंट पेनल्टी नहीं लगेगी।

प्रश्न 8:क्या डिजिटल लेन-देन पर कोई प्रोत्साहन मिलेगा?
उत्तर: हां, जो वेंडर्स डिजिटल तरीके से लेन-देन करेंगे, उन्हें कैशबैक जैसी सुविधाएं मिल सकती हैं।

प्रश्न 9: जिन वेंडर्स ने लॉकडाउन के दौरान अपने गांव लौट गए थे, क्या वे भी इस योजना के लिए पात्र हैं?
उत्तर: हां, जो वेंडर्स लॉकडाउन के दौरान अपने गांव चले गए थे और अब वापस आकर अपना व्यापार शुरू करना चाहते हैं, वे भी इस योजना के तहत लोन प्राप्त कर सकते हैं, बशर्ते वे पात्रता मानदंडों को पूरा करते हों।

प्रश्न 10: योजना का लाभ उठाने के लिए मुझे कहां आवेदन करना होगा?
उत्तर: आप अपने नगर निकाय या टाउन वेंडिंग कमेटी से संपर्क कर सकते हैं। वे आपको इस योजना के तहत आवेदन करने और लोन प्राप्त करने की प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी देंगे।