कृष्ण जन्माष्टमी 2024: भगवान कृष्ण के जन्म की खुशी में मनाएं यह पावन पर्व
कृष्ण जन्माष्टमी 2024: भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव की खुशी
krishna janmashtami 2024 :हर साल की तरह इस बार भी कृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई जाएगी। यह पर्व भगवान श्री कृष्ण के जन्म की खुशी में मनाया जाता है, जो हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस साल, कृष्ण जन्माष्टमी 7 और 8 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी।
कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व:
कृष्ण जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्मदिवस को लेकर एक विशेष उत्सव है। भगवान कृष्ण का जन्म 5000 साल पहले द्वापर युग में मथुरा में हुआ था। उनका जन्म भगवान विष्णु के आठवें अवतार के रूप में हुआ था, जो धरती पर धर्म की पुन:स्थापना के लिए आए थे।
कैसे मनाते हैं कृष्ण जन्माष्टमी?
1. रात्रि पूजा और भजन:
जन्माष्टमी की रात भगवान कृष्ण के जन्म के समय भव्य पूजा आयोजित की जाती है। भक्तगण विशेष रूप से रात्रि जागरण करते हैं और कृष्ण के भजनों और गीतों के माध्यम से उनकी आराधना करते हैं।
2. कृष्ण की मूर्ति की सजावट:
घरों और मंदिरों में भगवान कृष्ण की मूर्तियों को सुंदर वस्त्रों और आभूषणों से सजाया जाता है। विशेष रूप से माखन-चोर के रूप में उनकी मूर्तियों को सजाया जाता है, जो उनके बचपन की एक लोकप्रिय कहानी को दर्शाता है।
3. दही हांडी:
कृष्ण जन्माष्टमी पर ‘दही हांडी’ का आयोजन भी होता है, जिसमें ऊँचाई पर रखी हांडी से दही निकालने के लिए लोग मानव पिरामिड बनाते हैं। यह खेल भगवान कृष्ण के बचपन की एक प्रसिद्ध घटना की याद दिलाता है।
4. विशेष पकवान:
जन्माष्टमी पर विशेष पकवान बनाए जाते हैं जैसे ‘छापाती’, ‘पंजीरी’, और ‘कढ़ी’. ये पकवान भगवान कृष्ण को भोग के रूप में अर्पित किए जाते हैं और बाद में भक्तों के बीच बांटे जाते हैं।
5. कथा वाचन और सांस्कृतिक कार्यक्रम:
कई स्थानों पर कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर धार्मिक कथाएँ सुनाई जाती हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इनमें कृष्ण की लीलाओं और उनके जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को दर्शाया जाता है।
जन्माष्टमी की विशेष बातें:
– उपवास: भक्तगण इस दिन उपवास रखते हैं और केवल फल, दूध, और विशेष प्रसाद का सेवन करते हैं।
– रात 12 बजे की पूजा: भगवान कृष्ण के जन्म के समय, यानी रात 12 बजे विशेष पूजा और अर्चना की जाती है।
– मेला और जुलूस: कई जगहों पर जन्माष्टमी के अवसर पर मेले और जुलूस भी निकाले जाते हैं, जिनमें भक्तगण खुशी से भाग लेते हैं।
कृष्ण जन्माष्टमी का यह पर्व हमें भगवान कृष्ण के आदर्शों और शिक्षाओं को याद दिलाता है और उनके प्रति श्रद्धा और भक्ति को प्रकट करने का एक अद्भुत अवसर प्रदान करता है। इस बार भी, इस पावन दिन को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाएँ और भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव की खुशी में शामिल हों।