Scam 2010: The Subrata Roy Saga’ का मोशन पोस्टर रिलीज
आज की तारीख में, ‘Scam 2010: The Subrata Roy Saga’ का मोशन पोस्टर रिलीज हो गई है और इसके साथ ही खलबली भी उत्पन्न हो गई है। यह सीरीज सहारा इंडिया परिवार के संस्थापक सुब्रत रॉय के जीवन पर आधारित है। लेकिन इस परिवार ग्रुप ने आपत्ति जताई है और मेकर्स-एक्टर्स के खिलाफ लीगल एक्शन की धमकी दी है।
हंसल मेहता पहले के सीरीज
हंसल मेहता की निर्देशित ‘स्कैम 1992: द हर्षद मेहता स्टोरी‘ और ‘स्कैम 2003: द तेलगी स्टोरी‘ के बाद, अब ‘Scam 2010: The Subrata Roy Saga’ का मोशन पोस्टर रिलीज हुआ है। इसे हंसल मेहता ने खुद निर्देशित किया है और यह जल्द ही सोनी लिव पर रिलीज होगी।
सहारा इंडिया परिवार के एक बयान में कहा गया है कि ‘स्कैम’ के मेकर्स ने पैसे और सस्ती पॉपुलैरिटी के लिए यह सीरीज बनाई है। उनका मानना है कि इससे सहारा इंडिया परिवार की इमेज और प्रतिष्ठा को कम किया जा रहा है।
उन्होंने इस तरह का कार्य करने वालों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की धमकी दी है और कहा है कि इसे अदालत में ले जाने की तैयारी की जा रही है।
सुब्रत रॉय के साथ ‘स्कैम’ शब्द जोड़ना उन्हें अपमानजनक लगता है, क्योंकि वह खुद का बचाव करने के लिए सदैव तैयार रहे हैं। उन्होंने अभिव्यक्ति के अधिकार की आड़ में किसी की सद्भावना और प्रतिष्ठा को कम करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
Scam 2010: The Subrata Roy Saga के मोशन पोस्टर के रिलीज के चर्चे के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
“Scam 2010: The Subrata Roy Saga” एक नई वेब सीरीज है जो सोनी लिव पर रिलीज़ होने वाली है। इस सीरीज में सहारा इंडिया परिवार के संस्थापक सुब्रत रॉय के जीवन के कुछ अहम घटनाओं को दिखाया जाएगा।
2. क्या इस सीरीज का मोशन पोस्टर रिलीज़ हो चुका है?
हां, “Scam 2010: The Subrata Roy Saga” का मोशन पोस्टर रिलीज़ हो चुका है। इसका मतलब यह है कि इस सीरीज की तैयारी पूरी हो चुकी है और जल्द ही दर्शकों के सामने आने वाली है।
“Scam 2010: The Subrata Roy Saga” का निर्माण हंसल मेहता द्वारा किया गया है, जिन्होंने पहले भी “Scam 1992: The Harshad Mehta Story” और “Scam 2003: The Telgi Story” जैसी सफल वेब सीरीज बनाई हैं।
4. क्या सहारा इंडिया परिवार इस सीरीज के खिलाफ हैं?
हां, सहारा इंडिया परिवार ने इस सीरीज के खिलाफ आपत्ति जताई है। उनका मानना है कि इस सीरीज में उनके संस्थापक सुब्रत रॉय के नाम की उपेक्षा की गई है और उनकी प्रतिष्ठा का अपमान किया गया है।